दिल्ली में हर दिन आपको कला-संस्कृति के कई रंग देखने को मिलते हैं। कोरोना काल के सन्नाटे के बाद गैलरियां गुलज़ार हो गई हैं, ऑडिटोरियम्स में रंगमंच अपने शबाब पर है और साहित्य जगत में तो इतनी हलचल है कि पूछिए मत। लेकिन हम आपको ले चलेंगे कला दीर्घाओं की रंग बिरंगी और रचनात्मक दुनिया में और वहां भी नज़र डालेंगे महिला कलाकारों को लेकर एक खास पहल पर।
ललित कला अकादमी की तमाम दीर्घाओं में देश के तमाम कलाकार अपने शानदार काम के साथ लगातार मौजूद हैं। यहीं पिछले दिनों जानी मानी कलाकार, क्यूरेटर और रंगों और शिल्पकारी की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुकी मध्य प्रदेश की सुप्रिया अंबर ने इस बार एक नया प्रयोग किया। यह प्रयोग खासकर महिला चित्रकारों/कलाकारों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।
सेवेन सिस्टर्स नाम से सात संघर्षशील महिला कलाकारों की सृजनात्मकता को एक बड़ा मंच देने की ये कोशिश दिल्ली के कलाप्रेमियों के लिए एक नए एहसास की तरह था। 7 सिस्टर्स यानी देश के तमाम हिस्सों की सात महिला कलाकारों के चुनींदा कामों की प्रदर्शनी।
सुप्रिया कहती हैं 21वीं सदी में भी जब महिलाओं को अपनी शिक्षा के लिए उचित सुविधा नहीं है तो भला उनके लिए कला की शिक्षा की बात क्या की जाए। ऐसे में अगर विपरीत परिस्थितियों में भी कुछ महिला कलाकारों ने अपने काम और वजूद का संघर्ष बरकरार रखा है तो बेशक हमें उसे आगे बढ़ने और अपने काम के विस्तार के लिए एक बड़ा मंच तो देना ही चाहिए। सुप्रिया के पति और जाने माने चित्रकार और संस्कृतिकर्मी विनय अंबर ने उनके इस अभियान का नाम दिया सेवन सिस्टर्स। इसके तहत ऋंखलाबद्ध तरीके से अलग अलग शहरों में अलग अलग सात महिला कलाकारों के कामों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसकी शुरुआत दिल्ली से की गई है।
इस प्रदर्शनी में देश की उन 7 महिला चित्रकारों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया जो कला जगत में अपनी पहचान बना चुकी हैं और स्थापित होने के लिए संघर्षरत हैं। इन चित्रकारों में सुप्रिया अंबर के अलावा सीमा बरुआ (कोलकाता), करिश्मा वाघवा (मुंबई), सोनाली चौहान (देवास), प्रीति संम्युक्ता (हैदराबाद), अपर्णा अनिल (भोपाल), मीनाक्षी झा बनर्जी (पटना-दिल्ली) के चित्रों को प्रदर्शनी में शामिल किया गया। सोनाली, अपर्णा और करिश्मा अपने अमूर्त चित्रों में आकारों और रंगों के साथ विषय की गरिमा को स्थापित करती प्रतीत होती हैं तो वहीं सुप्रिया, सीमा, प्रीति और मीनाक्षी ने अपने विषयों की गंभीरता को अपनी आकृति मूलक छवियों में स्थापित किया है। प्रदर्शनी में सोनाली चौहान के चित्रों के साथ उनके सेरेमिक वर्क और सुप्रिया अंबर के गौंड एवं बेगा ट्राइव्स के फ्यूजन से बने मुखोटे प्रदर्शित किये गए जिनमें आदिवासियों के शरीर पर बने गुदना कला को स्थापित किया है।
सुप्रिया अंबर ‘इत्यादि आर्ट फाउण्डेशन’ की सचिव हैं जो पिछले 6 सालों से जबलपुर में लगातार ‘जबलपुर आर्ट, लिटरेचर एंड म्यूजिक फेस्टिवल’ का आयोजन कर रहा है। अंबर कविताएँ भी लिखती हैं और उनकी कविताओं का बंगला, मराठी और अंग्रेजी भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है। सेवेन सिस्टर की श्रृंखला में अगली प्रदर्शनी फरवरी 2023 में जयपुर के जवाहर कला केन्द्र की गैलरी में आयोजित की जायेगी।
— अतुल सिन्हा
Posted Date:November 15, 2022
7:11 pm Tags: Supriya Amber, Seven Sisters, Art Exhibition, Lalit Kala Akademi