लखनऊ। कला और संस्कृति के क्षेत्र में भारत और नेपाल के आदान प्रदान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कई आयाम हैं। लखनऊ में पिछले दिनों नेपाल के कई कलाकारों ने अपनी शिल्पकला और पेंटिंग के नमूने पेश किए। लखनऊ विश्वविद्यालय के कला एवं शिल्प महाविद्यालय ने नेपाल से आये कलाकारों के एक प्रतिनिधि मण्डल का कला महाविद्यालय में स्वागत किया और विद्यार्थियों के लिये उनके लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन का कार्यक्रम भी रखा। इससे विद्यार्थियों और अतिथियों ने सुदूर पर्वतों में पल-बढ़ रही नेपाल की कला और संस्कृति को जाना।
कार्यक्रम की शुरुआत कला महाविद्यालय के प्रधानाचार्य आलोक कुमार ने किया और नेपाल की समृद्ध कला के बारे में बताया। उन्होंने कला महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास की एक सुन्दर रूप-रेखा भी पेश की। कार्यक्रम का समन्वय राजन श्रीपाद फुलारी ने किया।
नेपाल से आये इस प्रतिनिधि मण्डल में कुल आठ कलाकार थे जिनमें से चार कलाकार मनोज तमंग, कृष्ण गोपाल सृष्ठा, केशव राज खनल तथा रिंक बहादुर दुरूंग ने अपने प्रत्यक्ष चित्रकर्म के माध्यम से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। इनके चित्र हिमालय की पर्वत श्रृंखला, प्रकृति एवं नेपाल की वास्तुकला तथा संस्कृति पर आधारित थे। कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बनाने में डॉ. रविकान्त पाण्डेय, बलराम शर्मा, शत्रुघ्न एवं संजय आदि शिक्षकों का भी विशेष योगदान रहा।
Posted Date:
November 12, 2021
2:44 pm