देश भर में पुस्तकालयों की खस्ता हालत के बारे में हम अक्सर पढ़ते रहते हैं। यह बहस भी अक्सर सुनने को मिलती है कि इस डिजिटल ज़माने में किताबों के लिए किसके पास वक्त है। इसके बावजूद देश भर में पुस्तक मेलों का चलन बढ़ रहा है और प्रकाशकों की चांदी हो गई है। पुस्तकालयों को लेकर भी नज़रिये में बदलाव आ रहा है। साक्षरता दर में देश में नंबर वन केरल आखिर कैसे और क्यों अव्वल है, इसकी कई मिसालें आपको केरल के तमाम शहरों में बने शानदार और समृद्ध पुस्तकालयों के तौर पर मिल जाएंगी।
ऐसा ही एक बेहतरीन पुस्तकालय केरल के कन्नूर ज़िले के पय्यानुर में बना है। लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर बना यह पुस्तकालय है तो काफी पुराना लेकिन अब इसका नया भवन कुछ ऐसा बनाया गया है कि आप हतप्रभ रह जाएंगे। यह पुस्तकालय 1946 से चल रहा है। शास्त्री जी के निधन के बाद इसका नाम उनके नाम पर रखा गया। भवन पुराना था।
हाइवे बनने की वजह से इस पुराने भवन को तोड़ दिया गया। लेकिन लोगों की जबरदस्त मांग और स्थानीय लोगों के दबाव में प्रशासन ने सरकार के पास प्रस्ताव भेजकर इसके नए भवन के लिए मंजूरी ले ली और इसकी डिजायन का काम सौंपा स्थानीय कलाकार के के आर वेंग्म को। केकेआर ने इसकी परिकल्पना सिर्फ किताबों से की और फिर स्थानीय मज़दूर, मिस्त्रियों ने मिलकर वो शानदार भवन तैयार कर दिया कि देखने वाले हैरत में पड़ जाएं।
यह लाइब्रेरी केरल के उत्तरी हिस्से में है और मंगलौर के करीब ही है कन्नूर ज़िले का पय्यानुर। पत्रकार और लेखक पंकज चतुर्वेदी ने अपने फेसबुक वॉल पर कन्नूर के इस कलाकार के इस शानदार काम को शेयर किया है। जाहिर है इन तस्वीरों को देखकर ही आप इस पुस्तकालय की डिजाइन को समझ पाएंगे।
Posted Date:February 2, 2019
7:46 pm