राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक फरवरीसे शुरू हो रहे 55 वें विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन करेंगी और इस वर्ष मेले की थीम होगी – हम भारत के लोग। अगर आपने एक भी किताब लिखी तो विश्व पुस्तक मेले में आप गेस्ट राइटर हैं। अरविंद कुमार की रिपोर्ट –
अगर आपने एक भी किताब लिखी है और उसका आई एस बी एन नंबर है तो आप इस बार मेले में 9 दिन तक निःशुल्क प्रवेश के हकदार होंगे। आप राइटर्स लाउंज में बैठकर चाय काफी पी सकते हैं। पहली बार लेखकों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मेले में हिंदी के लेखकों में पुष्पेश पंत और कुमार विश्वास जैसे लोग आमंत्रित हैं। हिंदी का कोई बड़ा लेखक न्यास की प्रेस विज्ञप्ति में नजर नहीं आया। मेले में 50 से अधिक देश भाग लेंगे और रूस को अतिथि देश बनाया गया है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक कर्नल युवराज मलिक ने आज पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय गणतंत्र के 75 वर्ष होने पर हमने थीम हम भारत के लोग रखा है जो संविधान की प्रस्तावना की पहली पंक्ति है। उंन्होने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू मेले का उद्घटान करेंगी और पुस्तकों के स्टाल पर भी जाएंगी।
मेले में करीब दो हज़ार से अधिक प्रकाशक आदि भाग लेंगे और 600 से अधिक कार्यक्रम होंगे जिनमें एक हज़ार से अधिक लेखक सेमिनार चर्चाओं में भाग लेंगे। मेले के मेहमान देश की थीम रूस से आई किताबें होंगी और 75 सदस्यों का रूसी प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा। रूसी पवेलियन में हर दिन एक कार्यक्रम होगा।।
मेले में प्रकाश झा, पंकज त्रिपाठी जैसे फिल्मी सितारे और शशि थरूर तथा गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे राजनेता तथा पुष्पेश पंत जैसे लेखक और एडमिरल राकेश शर्मा जैसी हस्तियाँ भाग लेंगी।
उंन्होने बताया कि बच्चों के लिए एक बड़ा हॉल पहली बार होगा जिसमें बाल साहित्य एवं बच्चों की गतिविधियां होंगी। उन्होंने बताया कि मेले में बच्चों वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यंगों के लिए प्रवेश निःशुल्क होगा तथा जिन लेखकों की पहली किताब प्रकाशित हुई उन्हें भी निशुल्क प्रवेश मिलेगा।