बिनाले के मंच से उठे वैश्विक सवाल

बोधगया बिनाले में गुरुवार का दिन एक बार फिर से प्रदर्श कलाओं के नाम रहा। गुरुवार को एक के बाद एक तीन कलाकारों ने अपनी कलात्मकता से परिसर में मौजूद कलाप्रेमियों को जबर्दस्त तरीके से आकर्षित किया क्योंकि उसका विषय सीधे-सीधे आम जनता से जुड़ा था।इस कड़ी में पहला प्रदर्शन देश के जाने-माने कलाकार कौशल सोनकरिया का था। कौशल वंचितों के समाज से हैं और वंचित समाज का जिस तरह से शोषण किया गया है, उससे मुक्ति का रास्ता कैसे निकलेगा यह उनकी प्रदर्श कला का विषय था। इसके लिए उन्होंने खुद को पवित्र धागे मौली या रक्षा-सूत्र से बांधा और फिर सुजाता विहार के बाहर एक हजाम से खुद को बंधन मुक्त करवाया।

दूसरा प्रदर्शन युवा कलाकार नरेश का है जो मुंबई से बोधगया बिनाले पहुंचे थे। नरेश ने अपनी कला का विषय देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पलायन की समस्या को बनाया। नरेश के मुताबिक बिहार से बच्चे अक्सर अपने किशोरावस्था में ही घर से पलायन कर जाते हैं। वयस्क होने के बाद जब वो अपने घर लौटते हैं, तब समाज के लोग उससे पहला सवाल यही करते हैं कि ‘किनकर बेटा’ या किसके बेटे हो। नरेश ने इस सवाल को अपनी प्रदर्श कला में शामिल किया। वो अपने इस एक्ट को देश-विदेश में प्रदर्शित कर चुके हैं। तीसरा प्रदर्शन सलमान खान का था जिन्होंने प्लास्टिक की ग्लास में पानी और मिट्टी का तेल डालकर एक संयोजन किया और उसके बाद उसमें आग लगाकर भारत के नक्शा का आकार बनाया। सलमान के मुताबिक भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कई तरह की आग में जल रहा है। चाहे कहीं सांप्रदायिक समस्या है, कहीं नस्लभेद की समस्या है कहीं पर्यावरण की समस्या है। इन्हीं समस्याओं को उन्होंने अपनी कला में दिखाया।

गुरुवार को एक बार फिर स्कूली बच्चों को बोधगया बिनाले का मंच मिला जिसपर उन्होंने गणेश वंदना की गीतीमय प्रस्तुति दी। एक दूसरी प्रस्तुति जेनअमिताभ वेलफेयर ट्रस्ट के नित्यआशा, रिया और मारिया समेत कई स्कूली बच्चे शामिल थे जिन्होंने एक सत्तर वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ हम होंगे कामयाब का गायन किया।

Posted Date:

December 22, 2016

10:00 pm Tags: , , , , ,
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