प्रेमचंद को याद करने के उल्लेखनीय और अभूतपूर्व अभियान में लगी है रंगलीला
आगरा की नाट्य संस्था ‘रंगलीला’ इस बार प्रेमचंद की पुण्यतिथि (8 अक्टूबर, ) के अवसर पर उनकी जन्मस्थली लमही (ज़िला वाराणसी) में अपने चर्चित कार्यक्रम ‘कथावाचन में उनकी 3 कहानियों (‘ईदगाह’, ‘पूस की रात’, और ‘ठाकुर का कुआं’) की प्रस्तुति अपराह्न 4 बजे देगी। बनारस की संस्था ‘सुबह-ए- बनारस’ ने इसका आयोजन किया है। इसी दिन सुबह 11 बजे ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय’ के ‘भोजपुरी अध्ययन केंद्र’ और ‘जनजाति व लोककला एवं संस्कृति संस्थान’ की ओर से बीएचयू० में आयोजित कार्यक्रम में इन्हीं तीनों कहानियों की प्रस्तुति होगी।
इससे पूर्व पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर 7 अक्टूबर को शाम 6 बजे ‘रंगलीला’ के ‘कथावाचन’ की एक और प्रस्तुति राजधानी लखनऊ में होगी। 6 बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ ‘इप्टा’ की ओर से किया जा रहा है। प्रस्तुति से पहले एक संगोष्ठी भी रखी गयी है जिसका विषय है- ‘प्रेमचंद की ज़रुरत’।
रंगकर्म और सामाजिक सरोकारों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को लेकर रंगलीला ने पिछले कुछ सालों में अपनी खास पहचान बनाई है। वरिष्ठ रंगकर्मी और पत्रकार अनिल शुक्ल की सक्रियता और जीवंतता की वजह से आगरा धीरे धीरे एक ऐसे सांस्कृतिक केन्द्र के तौर पर स्थापित हो चुका है। यहां सरकारी आयोजनों और प्रायोजित समारोहों के अलावा रंगमंच को आम आदमी से जोड़ने और लोक संस्कृति को फिर से जीवंत बनाने का अद्भुत काम हो रहा है। एक महीने तक ‘बस्ती का रंगमंच’ के नाम से तमाम बस्तियों में अभियान चलाने के बाद अनिल शुक्ल ने प्रेमचंद को लेकर भी पिछले दिनों आगरा में कई महत्वपूर्ण आयोजन किए। इनमें 31 जुलाई से 31 अगस्त तक चला स्मरण प्रेमचंद उल्लेखनीय है।
Posted Date:October 6, 2017
2:54 pm