• प्रदीप
लखनऊ में उत्तर प्रदेश नाटक अकादमी के संत गाडगे सभागार में नृत्य नाटिका ऊषा परिणय का मंचन किया गया। पौराणिक कथा में संगीत नृत्य के अद्भुत संगम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नृत्य नाटिका में वाणासुर, कृष्ण और शिव के मन में ऊषा और अनिरुद्ध कोे परिणय को लेकर चल रहे अंतर्द्वंद की कहानी को दर्शकों के सामने पेश किया गया। ऊषा परिणय नृत्य नाटिका में ऊषा को एक दिन सपने में राजवंशी कुंवर अनिरुद्ध दिखाई देता है, जिसके बाद वो उसके प्रति आकर्षित हो जाती है। उसकी सखी चित्रलेखा उसकी मदद करती है। चित्रलेखा भंवरा बनकर अनिरुद्ध को ले आती है।
वाणासुर दोनों को देखकर क्रोधित होता है और अनुरुद्ध को कारागर में डाल देता है। ये बात जब कृष्ण को पता चलती है तो उनके और वाणासुर के बीच में युद्ध होता है। पराजित होने की दशा में वाणासुर शिव की आराधना करता है। वचनबद्ध शिव और कृष्ण आमने-सामने आ जाते हैं। दोनों के बीच युद्ध की स्थिति देखकर देवता व्याकुल हो जाते हैं और युद्ध समाप्त करने की प्रार्थना करते हैं। अंत में युद्ध समाप्त होता है और ऊषा अनुरुद्ध का मिलन हो जाता है। वीणाधारिणी नाट्य कला केंद्र की प्रस्तुति ऊषा परिणय नृत्य नाटिका का निर्देशन लक्ष्मी श्रीवास्तव ने किया…नृत्य नाटिका में निधि तिवारी, नवीन रस्तोगी, मीतू सिंह, मोहित कुमार, विद्याभूषण जैसे कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी।
Posted Date:September 24, 2016
5:58 pm