कोलकाता फिल्म फेस्टिवल
देश का दूसरा सबसे बड़ा फिल्म समारोह कोलकाता फिल्म फेस्टिवल असहिष्णुता अौर आतंकवाद को लेकर बहस के बीच शुरू हुअा। 14 नवंबर को समारोह का उद्घाटन अमिताभ बच्चन ने किया। अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, रानी मुखर्जी समेत मुंबई से कई सितारों का जमघट कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में दिखा, जहां समारोह आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन सितारों के बीच मंच पर सिनेमा अौर राजनीति के तार शिद्दत से जोड़ती दिखीं।
गंभीर समझे जाने इस महोत्सव में कोलकाता में रहने वाले मृणाल सेन अौर गौतम घोष जैसे फिल्मकारों की भागीदारी नहीं होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मृणाल सेन ने तो सीधे कह ही दिया कि बंगाल की मौजूदा सरकार के साथ मेरी मतभिन्नता है, इसलिए मैं नहीं जाता। वाममोर्चा सरकार के जमाने में इन फिल्मकारों के साथ ही गोविन्द निहलानी, मुजफ्फर खान, श्याम बेनेगल जैसे फिल्मकार भी दिखते थे।
बहरहाल, महानायक अमिताभ बच्चन ने देश में बढ़ती कथित असहिष्णुता एवं पेरिस आतंकवादी हमले के बाद विभिन्न समुदायों के बीच बेहतर संवाद पर जोर देकर अायोजन को गंभीर शक्ल दिया। उन्होंने देश की अनेकता में एकता वाले स्वरूप को दिखाने और सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों को खत्म करने में सिनेमा की ताकत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कविगुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित राष्ट्रगान के बोल ‘भारत की विविधता एवं समानता’ पर रोशनी डालते हैं।
महोत्सव में 61 देशों की 149 फिल्में दिखाई जा रही हैं। महोत्सव 21 नवंबर तक चलेगा। फिल्मोत्सव को 15 खंडों में बांटा गया है। आठ करोड़ रूपए के बजट वाले महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म को रॉयल बंगाल ट्रॉफी और 51 लाख रूपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी, जबकि सर्वश्रेष्ठ निर्देशक को 21 लाख रपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म तथा वृत्तचित्र प्रत्येक को एक लाख रूपए का पुरस्कार मिलेगा। अभिनेत्री शर्मिला टैगोर निर्णायक मंडल की अध्यक्ष हैं। इसके दूसरे सदस्यों में श्रीलंकाई अभिनेत्री स्वर्णा मालावराच्ची, पोलैंड के निर्देशक फिलिप मैकजेवर्क और इस्राइली फिल्मकार सैम्युल मुओज हैं।
(दीपक रस्तोगी की रिपोर्ट)
November 15, 2015
4:29 pm