कैनवस पर उतरे कृष्ण और गऊ के रिश्ते

देश भर के कुछ चुने हुए कलाकारों ने तीन दिनों की कार्यशाला में अपनी संस्कृति की बेहद दिलचस्प तस्वीर पेश की है। दिल्ली में के एंड के इंटरनेशनल होटल में आयोजित इस कार्यशाला को मौजूदा परिप्रेक्ष्य में गाय के आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश में इन दिनों जिस तरह गाय का राजनीतिकरण हुआ और इसे पौराणिक संदर्भों से काटकर ओछी राजनीति का हिस्सा बना दिया गया, उसे कलाकारों ने अपने अपने नज़रिये से पेश किया। इस कार्यक्रम का मकसद सामाजिक, आध्यात्मिक और धार्मिक परिप्रेक्ष्य में गाय की उपयोगिता और महत्व बताने के साथ इसे लेकर फैलाई जा रही गलत धारणाओं को हटाकर एक सामाजिक चेतना जगाना है।

 

परिधि आर्ट ग्रुप, नमो गंगे ट्रस्ट और भारत नीति जैसी संस्थाओं ने मिलकर इस कला कार्यशाला का आयोजन किया और इसका रखा – कृष्ण और गऊ। कार्यक्रम का उद्घाटन किया मशहूर कथक नृत्यांगना नलिनी और कमलिनी ने। इस दौरान परिधि आर्ट ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष निर्मल वैद, उपाध्यक्ष कमल चिब, भारत नीति के निदेशक कुलदीप रत्नू भी मौजूद थे।

कार्यशाला में देश के तमाम हिस्सों से आए कलाकारों ने कृष्ण का गऊ प्रेम और इससे जुड़ी तमाम प्रचलित कथाओं को रंगों के ज़रिये बेहद खूबसूरत अंदाज़ में बनाया। अब इन चित्रों की प्रदर्शनी दिल्ली हाट समेत कई इलाकों में लगाई जा रही है।

Posted Date:

July 7, 2017

4:33 pm
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