किन्नर विमर्श पर साहित्यिक चर्चा
ज़िंदगी के अधूरेपन की मुकम्मल दास्तां है सुभाष अखिल का उपन्यास ‘दरमियाना’ : बलराम
गाजियाबाद। वरिष्ठ पत्रकार सुभाष अखिल के उपन्यास ‘दरमियाना’ के विमोचन के अवसर पर कथाकार एवं कार्यक्रम अध्यक्ष बलराम ने कहा कि मुकम्मल यहां कोई नहीं,’दरमियाना’ ज़िंदगी के अधूरेपन की मुकम्मल दास्तान है। किन्नर समुदाय पर केंद्रित उपन्यास की बाबत उन्होंने कहा कि यह उपन्यास एक अदृश्य समाज की सार्थक पड़ताल करता है। वर्जनाओं में बंधा समाज किन्नरों को सम्मान नहीं देता। यौनिक अधिकारों के मामलों में जब अदालतें उदारता बरत रही हैं तो समाज को भी किन्नरों के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए।
होटल रेडबरी में आयोजित ‘मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन’  के मासिक ‘कथा संवाद’  में श्री बलराम ने कहा कि वैज्ञानिक तौर पर यह सिद्ध हो चुका है कि किसी भी शिशु का जन्म किन्नर के तौर पर नहीं होता। साधारण रूप से जन्मे कुछ बच्चे यौवन में प्रवेश के साथ हार्मोनल विसंगतियों की वजह से इस अवस्था को प्राप्त होते हैं। शारीरिक गड़बड़ियों से विकार ग्रस्त व्यक्ति के प्रति हमें संवेदनशील होना चाहिए लेकिन हमारा नकार उसे समाज से बहिष्कृत कर देता है। उन्होंने किन्नरों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने पर भी बल दिया।
  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि कथाकार राजकमल ने कहा कि किन्नरों के प्रति समाज का रवैया हमेशा से अमानवीय रहा है। किसी भी तरह की जैविक कमी की वजह से व्यक्ति विशेष को हेय दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘दरमियाना’ उपन्यास एक जटिल विषय के साथ-साथ एक जटिल समाज विशेष की पड़ताल भी करता है। एक अनदेखे समाज से हमारा मानवीय साक्षात्कार भी कराता है। इसी विषय पर पूर्व में ‘तीसरी ताली’ उपन्यास के लेखक प्रदीप सौरभ ने कहा कि अपना उपन्यास लिखने से पहले उनके सामने भी कई चुनौतियां थीं। उन्हें किन्नर समाज में नैतिक मूल्यों का पालन सौ फ़ीसदी होता दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि समाज एक गतिशील घटना है। यह ठहर नहीं सकता। दो सौ साल पहले की परिस्थितियां आज नहीं हैं। अत: हमें सच को जानना, समझना होगा। उसे स्वीकारना होगा। हार्मोनल की एक अनदेखी दुनिया है। जो खुली आंखों से नहीं दिखती। जैविक तौर पर विकृति का शिकार व्यक्ति को उसके किसी भी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। वरिष्ठ कवि योगेंद्र दत्त शर्मा ने ‘दरमियाना’ की पृष्ठभूमि की बाबत कहा कि उनका घर लेखक (सुभाष अखिल) और उपन्यास के मुख्य पात्र तारा किन्नर के घर के बीच में था ।लिहाजा वह लेखक और मुख्य पात्र के रिश्ते के चश्मदीद भी हैं।
  ‘दरमियाना’ के लेखक श्री अखिल ने कहा कि यौनिक आधार पर समुदाय के वर्गीकरण में किन्नरों को थर्ड जेंडर का दर्जा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वर्गीकरण के बाद यह उम्मीद जगी थी कि इन्हें समाज में सम्मान मिलेगा। लेकिन यह आज भी समाज के चौथे पायदान पर हैं। उन्होंने कहा कि लैंगिक अधिकारों को लेकर समलैंगिक एकजुट हुए हैं। समलैंगिक समुदाय में कई सेलिब्रिटी भी हैं। अदालतें भी उनके समाज की पैरवी करती हैं। समलैंगिक समाज की मुख्यधारा में शामिल हैं, लेकिन किन्नर समाज से निर्वाचित हैं। वैचारिकता और मानसिकता के आधार पर टिकी समलैंगिकता के संरक्षण की बात अदालती स्तर पर स्वीकार कर ली जाती है। लेकिन यौनिक विकलांगता के संरक्षण की पैरोकारी कोई नहीं करता। श्री अखिल ने कहा कि किन्नर विमर्श शुरू करने के साथ हमें इनके आरक्षण, संरक्षण, पुनर्वास और शिक्षा की पैरोकारी करनी पड़ेगी। उन्होंने समाज से किन्नरों के प्रति संवेदनशील और मानवीय रवैया अपनाने का अनुरोध किया।
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रदीप सौरभ को सम्मानित किया गया। प्रदीप सौरभ ने आज के दौर में साहित्य को बचाए रखने और लेखकों-साहित्यकारों की सक्रियता पर संस्था को बधाई दी और इसे सकारात्मक पहल माना।
  फाउंडेशन के सचिव आलोक यात्री ने कहा कि एलजीबीटी (लैसबियन, गे, बॉयसेक्सुअल, थर्ड जेंडर) के अधिकारों की लड़ाई के नतीजे पहली तीन श्रेणियों को प्रभावित करते हैं। धारा 337 के रहने या ना रहने से थर्ड जेंडर को लाभ नहीं मिला। उन्होंने यौनिक विकलांगता से ग्रसित लोगों के आरक्षण पर बल दिया। ‘कथा संवाद’ में राजकमल ने अपनी समीक्षा ‘अधूरेपन का शोक गीत’, तरुणा मिश्रा ने अपनी कहानी ‘बोनसाई’, शिवराज सिंह ने कथा ‘टोटका’, अर्चना शर्मा ने अपनी रचना ‘अपराध बोध’ एवं डॉ बीना शर्मा ने लघु कथा ‘अर्थ’ का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ धनंजय सिंह, सुरेंद्र सिंघल, पत्रकार राकेश पाराशर, सुशील शर्मा, अशोक दुआ, तिलक राज अरोड़ा, मुकेश कुमार, सुश्री भूमिका अखिल, सुश्री कमल प्रभा, सुश्री जयश्री शर्मा, सुरेश शर्मा, सत्य नारायण शर्मा, मानवेंद्र त्यागी, नवीन चंद्र पांडे, वागीश शर्मा, कुमार सुमन, हीरेंद्र कांत शर्मा, आर. पी. बंसल, भारत भूषण बरारा, उस्मान सैफी, सचिन कुमार, प्रणय कुमार आदि उपस्थित थे।
Posted Date:

October 14, 2018

3:09 pm Tags: , , ,
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