29 अगस्त की कुछ अहम खबरें…

खबरों का संसार अनंत है और हर खबर लगातार अपडेट भी होती रहती है, पर इनमें से सात रंग की युवा सहयोगी मेधा सिंह ने कुछ खबरें पाठकों के लिए निकाली हैं जो आपको जाननी चाहिए….

आदित्य एल1 : और अब चांद के बाद सूर्य के रहस्यों की तलाश 

पहली खबर भारत के पहले सूर्य मिशन से जुड़ी हुई है जिसकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।

चंद्रयान -3 की सफलता के बाद इसरो अपने पहले सन मिशन आदित्य एल-1 को भेजने की अंतिम तैयारियों में जुट गया है। इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन के लिए PSLV-C57 रॉकेट को चुना है। 2 सितंबर को 11: 50 पर श्रीहरिकोटा से आदित्य L1 को लॉन्च किया जाएगा।आदित्य L1 का मिशन सूर्य से जुड़ी जानकारियों को हासिल करना है। यान पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर जायेगा जिसमें चार महीने लगेंगे। पृथ्वी-सूर्य के बीच लैंग्रेजियन प्वाइंट (L1) पर इस यान को भेजा जाएगा जहां से सूर्य को बिना किसी बाधा के लगातार देखा जा सकता है। L1 अपने चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा। लैंग्रेजियन प्वाइंट सूर्य और पृथ्वी के बीच ऐसा क्षेत्र है जहां दोनो की गुरुत्वाकर्षण शक्तियां बैलेंस रहती हैं और सेंट्रीफुगल फोर्स स्थापित होता है। आदित्य L1 में सात पेलोड हैं जिनमे से चार सीधे सूर्य पर नजर रखेंगे और तीन पेलोड सूर्य से जुड़े दूसरे तथ्यों और कर्ण पर नजर रखेंगे। पेलोड्स फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर, कोरोना लेयर की विभिन्न बैंड की जानकारी एकत्रित करेंगे।सूर्य के कोरोना का तापमान, सूर्य की सतह का तापमान और सौर वायुमंडल के मौसम की गतिशीलता की जानकारी भी इससे मिलेगी।आदित्य L1 अभियान पूरी तरह से स्वदेशी है। बेंगलुरु स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने इस अभियान के लिए विजिबल एमिशन कॉर्नोग्राफ पेलोड और पुणे स्थित युनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स ने सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप पेलोड तैयार किया है।दुनियाभर में सूर्य से जुड़े 22 अभियान चलाए जा चुके हैं। आदित्य L1 मिशन को लोग लाइव देख सकते हैं। इसरो ने इसे लाइव देखने के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो खोल दिया है।

G-20 शिखर सम्मेलन के लिए कड़ी सुरक्षा, ब्रिटेन-अमेरिका से आए खुफिया एजेंट

दिल्ली में अगले महीने 9 और 10 सितंबर को होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी जोरशोर से हो रही है। भारत की सुरक्षा एजेंसी रॉ और आईबी के साथ साथ जिन देशों के राष्ट्राध्यक्ष सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं उन देशों की खुफिया एजेंसी की भी नजर दिल्ली के चप्पे चप्पे पर है। सुरक्षा में कोई भी चूक नहीं छोड़ी जा रही है।

विदेशी खुफिया एजेंसी के सीक्रेट एजेंट अपने राष्ट्राध्यक्ष की सुरक्षा के लिए दिल्ली आ चुके हैं। रॉ सभी सुरक्षा एजेंट से संपर्क में है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खुद सुरक्षा की कमान संभाल रखी है। G-20 सम्मेलन की सुरक्षा देख कर 15 अगस्त और 26 जनवरी के सुरक्षा इंतजाम भी फीके लगने लगे हैं। 8 से 10 सितंबर तक दिल्ली में सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने का आदेश है। सूत्रों के मुताबिक एनएसजी कई जगह एंटीड्रोन सिस्टम भी लगा रही है। आईबी दिल्ली पुलिस, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, अर्ध सैनिक बल की सेना के अधिकारियों के साथ G-20 सम्मेलन की सुरक्षा को ले कर कई दौर की बैठक हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एयरफोर्स और भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर सुरक्षा के लिए आसमान में उड़ते रहेंगे।रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन खुद तो नहीं आ पा रहे हैं लेकिन उनका प्रतिनिधित्व करेंगे विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव। पुतिन ने इस बीच प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात भी की है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: अनुच्छेद 35-ए ने तीन मौलिक अधिकार छीने

तीसरी खबर है सुप्रीम कोर्ट की एक अहम सुनवाई की जिसके दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की है कि अनुच्छेद 35-A ने तीन मौलिक अधिकार छीन लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनुच्छेद 35-A के खिलाफ याचिका पर 11 वें दिन सुनवाई की। सीजेआई ने कहा जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य बनाने वाले अनुच्छेद 35-A ने लोगो के तीन मौलिक अधिकारों का हनन किया है। राज्य के स्थाई लोगो को मिले विशेष अधिकारों की वजह से देश के बाकी लोगो को जम्मू कश्मीर में रोजगार नहीं मिला, जमीन खरीदने और वहां स्थाई रूप से रहने का अधिकार भी छीन लिया गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सरकार की तरफ से दलीलें रख रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि अनुच्छेद 35-A की वजह से जम्मू कश्मीर के विकास में बाधा आई है। इसके बाद ही सीजेआई ने टिप्पणी दी की अनुच्छेद 35-A ने लोगो के मौलिक अधिकारों को छीना है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अनुच्छेद 370 के खिलाफ की गई याचिकाओं का जवाब देते हुए कहा कि अनुच्छेद 35-A हटने के बाद से जम्मू कश्मीर में निवेश बढ़ा है और पुलिस विभाग केंद्र के तहत होने से पर्यटन भी बढ़ा है। होटल्स खोले गए हैं जिसकी वजह से रोजगार भी बढ़ा है। दूसरी तरफ सीजेआई ने कहा हमने 2019 में अपनी अतीत की गलतियों को सुधारा है। पुरानी गलतियों की वजह से आने वाली पीढ़ी को कष्ट नहीं झेलना पड़ेगा। 2019 में सरकार ने अपनी गलती सुधार ली है और इस सुधार को वह सही मानते हैं।जस्टिस संजय खन्ना ने मेहता से दो बड़े सवाल पूछे- क्या लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना देना इसका दर्जा घटाना है? अनुच्छेद 356 के मुताबिक राष्ट्रपति शासन की अधिकतम सीमा तीन साल है। तीन साल की सीमा अब पार हो चुकी है। संविधान के किस प्रावधान के अनुसार यह किया गया है? सरकार इन सवालों का जवाब सुनवाई के 12 वें दिन देगी।

हजारों नौकरियां अचानक कैसे बंटने लगीं

इस खबर के बाद आपको बताते हैं कि केन्द्र सरकार किस तरह हजारों की संख्या में रोजगार बांट रही है। खासकर चुनावी राज्यों में इसपर खास जोर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी कड़ी में इंदौर के रोजगार मेले में सोमवार को वर्जुअली 51 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र दिए। अब यह यह सवाल अहम है कि ये नौकरियां कितनी स्थायी हैं, कितने योग्य लोगों को मिल रही हैं या इसका चुनावों से कितना रिश्ता है। विपक्ष ये आरोप लगा रहा है कि सरकार अपनी छवि बचाने के लिए ऐसा कर रही है।

रोजगार मेले का यह 8वां संस्करण था जिसमें 51 हजार 106 लोगों को वर्चुअली नियुक्ति पत्र बांटे गए। इन लोगों को अर्ध सैनिक बल में नौकरियां मिली हैं। देशभर में 45 जगह रोजगार मेले का आयोजन किया गया था।

बहरहाल इस दौरान प्रधानमंत्री ने क्या कहा, ये जान लेते हैं। उन्होंने कहा कि अर्ध सैनिक बल की भर्ती व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं और अब भर्ती प्रक्रिया पहले से तेज हो गई है। उन्होंने निजी सेक्टर की बात करते हुए कहा कि ऑटोमोबाइल और फार्मा सेक्टर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत 2030 तक अर्थव्यवस्था में शीर्ष तीन देशों में होगा और वह इस बात की पूरी गारंटी लेते हैं।

नूंह : यहां तो सब शांति शांति है…

और अब बात कर लेते हैं हरियाणा के नूंह की जहां बीते दिनों की घटनाओं को देखते हुए इस बार प्रशासन ने पहले से ही थोड़ी सख्ती बरती और विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल की बृजमंडल यात्रा को 51 लोगों तक सीमित कर दिया।

सावन के आखिरी सोमवार को यात्रा की तैयारी तो इस बार भी जोर शोर से की गई थी, इसे लेकर कई बयान भी आए थे, लेकिन संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए, प्रशासन ने बड़ी यात्रा की इजाजत नहीं दी और टकराव की किसी भी संभावना को टाल दिया गया। यात्रा में शामिल 51 लोगों ने नलहरेश्वर महादेव के मंदिर में जलाभिषेक किया। जाहिर है नूंह के हालात को काबू में करने में काफी वक्त लगा था और हरियाणा सरकार व प्रशासन पर कई सवाल भी उठे थे, इसलिए इसबार एहतियात बरती गई।

Posted Date:

August 29, 2023

4:45 pm Tags: , , , ,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright 2023 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis