समाज विज्ञानी जॉर्ज मैथ्यू ने करीब छह साल पहले 'सोशियोलॉजिकल बुलेटिन' के सितंबर-अक्तूबर, 2016 के अंक में प्रकाशित अपने एक महत्वपूर्ण लेख पॉवर टू द पीपल ऐंड इट्स एनेमी (लोगों का सशक्तिकरण और उनके शत्रु) में एस.के. डे हवाले से एक वाकये का जिक्र किया था, जिस पर आज गौर करना समीचीन होगा, जब हम देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।