रंगमंच की दुनिया में नए नए प्रयोगों और कई नए नाटकों के मंचन के साथ 20वां भारत रंग महोत्सव खत्म हो गया। कथक की पाठशाला कहे जाने वाले पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज को इस मौके पर सुनना एक अनुभव था। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से अपने गहरे जुड़ाव और तमाम नृत्यशैलियों के साथ नाटकों की प्रस्तुतियों के बारे में पंडित बिरजू महाराज से बेहतर भला कौन बोल सकता है। आखिरी दिन कमानी सभागार में पंडित जी विशिष्ट अतिथि थे और उनका कहना था कि किसी भी कलाकार का मकसद प्यार और खुशी फैलाना होता है।
Posted Date:February 22, 2019
7:31 pm