अथाह ज्ञान का भंडार रहे त्रिलोचन बातचीत करते करते साहित्य, संस्कृति और राजनीति के इतने आयाम बिखेर देते थे कि उन्हें समेट पाना मुश्किल हो जाता था। आप सवाल कविता पर कीजिए तो त्रिलोचन आपको कई देशों की समृद्ध साहित्यिक परंपरा का परिचय कराते हुए वहां की संस्कृति और राजनीति के बारे में बताएंगे और तब कविता पर आंएंगे। अब आप आपना सही उत्तर तलाश लीजिए। त्रिलोचन जी से अतुल सिन्हा की यह बातचीत सितंबर 1994 की है और इसे अमर उजाला ने छापा था। बाद में किताबघर ने त्रिलोचन के साक्षात्कारों को जुटाकर मेरे साक्षात्कार नाम की पुस्तक में भी इसे शामिल किया। त्रिलोचन जी के जन्मदिन पर उन्हें इसी साक्षात्कार के साथ याद कर रहा हूं।
Posted Date:August 20, 2019
6:06 pm