समाज में जाति व्यवस्था को किस तरह से देखा जाता है और किसी अन्य पंथ को अपनाने के बावजूद उस व्यक्ति की जिंदगी पर किस तरह से उससे पूर्व की जाति एवं कर्मों का असर रहता है, क्या यह कला का विषय हो सकता है। बोधगया बिनाले में इसी को आधार बनाकर युवा कलाकार बी. अजय शर्मा ने समाज को गहरा संदेश देने की कोशिश की जिनकी प्रस्तुति का टाइटल था मैन विद सिंगिंग बाउल। बोधगया बिनाले की इस प्रस्तुति में सात भिक्षुकों ने बिहार के परंपरागत वाद्य यंत्रों, झाल-करताल, ढोलकी और ढोलक के साथ जिस तरह का समा बांधा, उसने वहां मौजूद कला प्रेमियों को मुग्ध कर दिया…
Posted Date:December 19, 2016
7:17 pm