1974 आंदोलन को बहुत करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने कालजयी रचनाकार फणीश्वर नाथ रेणु के साथ साथ उस दौर के तमाम साहित्यकारों को गहराई से महसूस किया है। अपने अनुभव और उस दौरान की स्थितियों के साथ मौजूदा हालात को बेबाकी से लिखने वाले जयशंकर गुप्त ने रेणु को उनकी पुण्यतिथि पर कुछ इस तरह याद किया। न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक में लिखे अपने संस्मरणात्मक लेख में उन्होंने ये बताने की कोशिश की है कि अगर आज रेणु होते तो मौजूदा हालात में क्या करते और उनके प्रति सरकार का रवैया क्या होता।
Posted Date:April 11, 2020
9:11 pm