कम ही लोग होंगे जो ब्रजमोहन आनंद (1928-1986) के नाम और काम से परिचित होंगे। ‘इंडिया आर्ट फेयर’ 2018 में पहली बार मुझे उनके काम की झलक दिखाई दी जो चकित कर देने के लिए काफी थी। कितने भिन्न माध्यमों, शैलियों और विषयों पर ब्रज मोहन आनंद एक ही समय पर काम कर रहे थे, पर सब एक दूसरे से पूरी तरह अप्रभावित। कला के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले ब्रजमोहन आनंद की कला यात्रा पर डॉ तृप्ति का खास आलेख।
Posted Date:May 2, 2020
3:02 pm