क्या आज कठपुतली कला कहीं गुम हो रही है या फिर इसमें नए प्रयोग किए जा रहे हैं… तमाम लोक कलाओं की तरह कठपुतली को लेकर जो चिंता इससे जुड़े कलाकार जताते रहे हैं, उनमें आज के दौर के हिसाब से क्या सचमुच बदलाव आ रहा है.. ये तमाम सवाल जब हमने कठपुतली को बचाने और इसके विकास के लिए काम कर रहे दादी पदुमजी से पूछे तो उनके चेहरे पर कोई खास उत्साह के भाव नहीं दिखे। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में उन्हें भी पिछले साल कठपुतली कला पर बोलने के लिए बुलाया गया था और उन्होंने इससे जुड़ी अपनी चिंता जताई भी थी…
Posted Date:November 18, 2016
11:01 am