हमारा देश धरोहरों का देश है। यहां का इतिहास बेहद समृद्ध है। कई कालखंडों से गुज़रते हुए आज हम जिस आधुनिक भारत में रह रहे हैं, उसके पीछे कई लंबी कहानियां हैं। जब हम देश के तमाम हिस्सों में बने किलों को देखते हैं तो हर किले की दर-ओ- दीवार कुछ न कुछ कहती है। मुगलकालीन कला हो या मोहन जोदड़ो – हड़प्पा के ज़माने की संस्कृति, महाभारत काल के अवशेष हों या फिर बौद्धकालीन धरोहर, अंग्रेज़ों के ज़माने की इमारतें हों या फिर इतिहास की ऐसी तमाम हस्तियों की यादगार जगहें – आप देश के किसी हिस्से से गुज़र जाएं, कोई न कोई ऐसी धरोहर आपको ज़रूर मिल जाएगी। बेशक इन धरोहरों का हाल जैसा भी हो, इनके संरक्षण के नाम पर भले ही कोई खास कोशिश न हो रही हो, लेकिन इनके पीछे का लंबा इतिहास है जो हमारी आज की संस्कृति के साथ जुड़ता है। ऐसी तमाम धरोहरों पर हमारी नज़र रहेगी और कोशिश होगी कि इन्हें आपके बीच लाया जाए…
ज़िंदगी के महज 28 सालों में कोई कितना कुछ कर सकता है, कितनी उपलब्धियां हासिल कर सकता है और कौन सा मुकाम हासिल कर सकता है... यह जानना है तो महान पेंटर और भारतीय कला को एक नया आयाम देकर अमर हो जाने वाली अमृता शेर गिल को याद कीजिए। भारतीय कला की जब भी बात होती है, राजा रवि वर्मा को तो सब याद करते ही हैं लेकिन आधुनिक भारतीय कला की जनक के तौर पर अगर किसी का नाम लिया जाता है तो वह अमृता शेरगिल हैं।
Read Moreसुरेन्द्र पाल जोशी के हज़ारों पेंटिग्स, कला के तमाम प्रयोग और उनकी खुद की गैलरी में घूमते हुए आपको उनके कई आयाम देखने को मिलेंगे। इसकी एक झलक 7 रंग आपके लिए लाया है…
Read Moreक्या आपने पत्ताचित्र के बारे में सुना है। चित्रकारी और हस्तशिल्प की तमाम शैलियों और परंपराओं की एक अहम पहचान है यह कला। ओड़िसा की सबसे पुरानी और लोकप्रिय कला शैलियों में से एक पत्ताचित्र शैली की इस चित्रकारी में बेहद चटकीले रंगों का इस्तेमाल होता है और कई पौराणिक कथाएं और उसके पात्र इसमें आकार लेते हैं।
Read More17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक सुजाता विहार में आयोजित बोधगया बिनाले एक क्यूरेटेड प्रदर्शनी है जिसमें करीब 30 देशों के 99 वरिष्ठ एवं युवा कलाकारों शिरकत कर रहे हैं। एक प्रदर्शनी में 120 से ज्यादा कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं, जिनमें आधुनिक कला एवं परंपरागत कला, दोनों ही तरह की कलाकृतियां शामिल हैं।
Read Moreअमेरिका ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत के सरकारी आवास रूजवेल्ट हाउस को धरोहर में शामिल किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत सहित सात देशों के राजनयिक भवनों को सांस्कृतिक महत्व की संपत्ति के रजिस्टर में शामिल किया है।
Read Moreसाउथ कोरिया…इस देश को दुनिया ‘शांत सुबह की भूमि’ के रुप में भी जानती है। ये देश पूर्वी एशिया में कोरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी अर्धभाग को घेरे हुए है। भारत के साथ भी दक्षिण कोरिया के व्यापारिक और आर्थिक रिश्ते अच्छे रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच एक मजबूत पारंपरिक रिश्ता भी है
Read Moreबाजीराव मस्तानी फिल्म के मस्तानी लोकजीवन से कुछ अलग हट कर नयी चर्चा का केंद्र बनी। जरूरी नहीं कि फिल्म का सारा कथानक सही ही हो। मस्तानी महाराजा छत्रसाल की बेटी नहीं थी, लेकिन उसे किसी राजकुमारी जैसा ही पाला गया था और उसके लिए महल भी बनाया था। आज यहां भारी भीड़ उमड़ रही है।
Read Moreबुंदेलखंड की एक से एक शानदार धरोहरें यहां की आन-बान और शान को बयान करती हैं। आज यह इलाका सूखा और कृषि संकट से तबाह है। तो भी यहां की प्राकृतिक संपदा से लखनऊ और भोपाल का खजाना भर रहा है।
Read Moreदिल्ली की जामा मस्जिद के बारे में आपने खूब सुना होगा। लखनऊ, भोपाल, आगरा जैसे तमाम ऐतिहासिक शहरों में मुगलों ने जामा मस्जिदें बनवाईं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में रही दिल्ली की जामा मस्जिद। वास्तुकला की अनोखी मिसाल और आपसी भाईचारे की कई कहानियां खुद में समेटे हुए। मौजूदा दौर में बेशक सियासत ने इस पाक जगह को अपनी गिरफ़्त में ले लिया हो, लेकिन दुनिया जहान में इस बेहतरीन मस्जिद जैसी कोई
Read Moreउर्दू अदब की तमाम अनमोल विरासत आज मुल्क के कई तंजीमो में बिखरी पड़ी है जो बदइन्तज़ामी की वजह से मिटने की कगार पर है| आजादी के पहले उर्दू और हिन्दी अदब की सबसे पुरानी तंजीम हिन्दुस्तानी एकेडमी ने अपनी उर्दू अदब को बचाने के लिए एक बड़ी पहल की है| 90 बरस की हो गई हिन्दुस्तानी एकेडमी में मौजूद उर्दू अदब की 5 हजार से अधिक दुर्लभ ग्रंथों और अभिलेखों को डिजिटल स्वरूप प्रदान किया जायेगा
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