नामवर सिंह का जन्मदिन और महाश्वेता देवी की विदाई

साहित्य को सियासत से दूर रखें

 

एक अजीब संयोग है। जीवन के 90 साल पूरे करने और साहित्य जगत में अहम मुकाम पाने वाली दो शख्सियतें आज की तारीख में खबर बन गईं। सबसे जुझारू और आम जीवन से जुड़ी कहानियां और उपन्यास लिखने वाली महाश्वेता देवी हमें हमेशा के लिए छोड़ गईं। कोलकाता में उन्होंने आखिरी सांस ली और उन तमाम संघर्षशील और नए कल की उम्मीदों से भरे साहित्यप्रेमियों को अलविदा कह दिया। बीमार थीं, लेकिन इस उम्र में भी सक्रिय थीं। लगातार लिखती रहीं और हज़ार चौरासी की मां ने अपने तमाम सपूतों को एक नए समाज की परिकल्पना और संघर्षों के साथ छोड़ दिया।

maha namvar1

दूसरी तरफ नामवर सिंह के नब्बे साल का होने पर सरकार ने उन्हें सम्मान दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी तारीफ में कसीदे पढ़े। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र ने उनके सम्मान में कार्यक्रम रखा। लेफ्ट-राइट के झगड़े से दूर नामवर जी अभिभूत नज़र आए। कार्यक्रम के ज़रिये बताने की कोशिश की गई कि साहित्य-संस्कृति को सीमा या राजनीतिक खांचे में बांधना ठीक नहीं। लेफ्ट वाले शोर मचाते रहे, साहित्यिक खेमेबाज़ी होती रही, नामवर सिंह पर तंज़ कसे जाते रहे, लेकिन उन्होंने जीवन के इस पड़ाव पर इन सबसे ऊपर नज़र आए।

Posted Date:

August 29, 2016

2:40 am
Copyright 2023 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis