‘साहित्य और कला की परंपरा का जीवित रहना एक सुखद अहसास’
गांधर्व संगीत महाविद्यालय ने किया कला, संगीत और साहित्य की हस्तियों का सम्मान
गाजियाबाद में साहित्य और संस्कृति से जुड़ी तमाम गतिविधियों की कड़ी में लगातार होने वाले नाटकों, संगीत आयोजनों और साहित्य चर्चाओं ने शहर को एक नया मिजाज़ दिया है। गांधर्व संगीत महाविद्यालय के 39वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान भी इसकी साफ झलक मिली। इस मौके पर राज्यसभा के सदस्य और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अनिल अग्रवाल ने कहा कि कंक्रीट के जंगल में विलुप्त हो रहे इस महानगर की विलक्षण विभूतियां देश ही नहीं वैश्विक स्तर पर इस शहर की विशिष्ट पहचान स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी विधा गुरु-शिष्य परंपरा से ही समृद्ध होती है। आज के दौर में जब साहित्य, कला और संगीत को प्रोत्साहन कम मिल रहा है ऐसे में कला के संवर्धन में गांधर्व संगीत महाविद्यालय का योगदान सराहनीय है।
 हिंदी भवन में गुरुवार की शाम आयोजित कार्यक्रम में पं. विष्णु दिगंबर व पं. भातखंडे को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद अनिल अग्रवाल, मेयर आशा शर्मा, सतीश गोयल, हर विलास गुप्ता आदि ने दीप प्रज्वलन कर किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए सुभाष गर्ग ने कहा कि कंक्रीट के जंगल के रूप में पहचाने जाने वाले इस शहर का स्वरूप बदल रहा है। गाजियाबाद   की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने का श्रेय उन्होंने यहां के कलाकारों, कवियों और लेखकों को दिया।
कत्थक नृत्य के स्थापित हस्ताक्षर पं. राजेंद्र गंगानी ने कत्थक की भावपूर्ण प्रस्तुति भी की। उनकी विभिन्न नृत्य भंगिमा ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। उनके साथ तबले पर फतेह सिंह गंगानी, सारंगी पर मौहम्मद अयूब खान, गायन में विनोद गंगानी और पढ़ंत में नीतीश ने बेहतरीन संगत दी। पंडित गंगानी ने कहा कि किसी व्यक्ति या समाज को कला साहित्य ही संस्कार देता है। बिना संस्कार और परंपरा के समाज नहीं बनता। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि इस शहर में साहित्य और कला के लिए अनुराग और परंपरा अभी जीवित है।
गांधर्व संगीत महाविद्यालय ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए योगदान के लिए शिक्षाविद डॉ. माला कपूर, औद्योगिक विकास निगम की क्षेत्रीय महाप्रबंधक स्मिता सिंह, पत्रकार और लेखक आलोक यात्री, चेतन आनंद, बी.एल. बतरा, प्रवीण कुमार, रोमी माथुर, विजय जिंदल, वास्तुविद आर. के. जैन, नृत्यांगना आभा बंसल, ममता गुप्ता, रचना वार्ष्णेय, संगीताचार्य पं. हरिदत्त शर्मा, राजीव सिंघल, योगेश गर्ग आदि को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पूनम शर्मा ने किया। विद्यालय की निदेशिका डॉ. तारा गुप्ता ने आगंतुकों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर डॉ. कुंवर बेचैन, कृष्ण मित्र, सतीश गोयल, धनेश प्रकाश गर्ग, तरुण गोयल, सीमा सिंह, पूनम कौशिक, वंदना कुंअर रायजादा, डॉ. राजीव पांडे, आर.के. भदौरिया, नरसिंह अरोड़ा, उत्कर्ष गाफिल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
Posted Date:

August 31, 2018

8:21 pm Tags: ,
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