दुष्यंत कुमार, राही मासूम रज़ा और हबीब तनवीर होने के मायने…

आज के दौर में आखिर हबीब तनवीर जैसे रंगकर्मी क्यों नहीं हो सकते? दुष्यंत कुमार की चंद लाइनें क्यों सियासी नेताओं के भाषणों का हिस्सा भर बन कर रह जाती हैं? क्यों राही मासूम रज़ा सिर्फ बी आर चोपड़ा के टीवी महाभारत के संवादों के लिए ही कभी कभार याद कर लिए जाते हैं?  क्यों इन शख्सियतों को याद करने वाले चंद ही लोग बचे हैं? दरअसल आज रंगमंच और साहित्य जिस दौर में है, या कहिए कि मीडिया और अभिव्यक्ति के तमाम माध्यम जिन दबावों में काम करते हैं, वहां हबीब तनवीर, दुष्यंत कुमार और राही मासूम रज़ा (जिनका जन्मदिन एक ही तारीख यानी 1 सितंबर को आता है) के लिए जगह तलाश पाना आसान काम नहीं है। लेकिन भला हो डिजिटल ज़माने का जहां कई प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की किल्लत की वजह से इन शख्सियतों को ठीक ठाक जगह मिल जाती है।

(यह चित्र ‘जागरण’ के सौजन्य से)

 ‘7 रंग’ के पाठकों के लिए हम इनमें से ही कुछ बेहतर आलेख तलाश कर लाए हैं। ‘द वायर’ ने हबीब तनवीर पर कुछ ही दिन पहले तारेंद्र किशोर का एक बड़ा आलेख छापा था… ‘जब बलराज साहनी ने हबीब तनवीर को तमाचा मारा था’… वहीं न्यूज़ 18 की हिन्दी वेबसाइट ने दुष्यंत कुमार पर भोपाल से एक रिपोर्ट छापी है कि कैसे दुष्यंत कुमार के घर को मध्य प्रदेश सरकार ने गिरा दिया और कैसे उस संग्रहालय को भी गिराने की तैयारी है जहां उनके दस्तावेजों, किताबों और पुरानी यादों का सहेजा गया है। अमर उजाला डिजिटल ने दुष्यंत कुमार की मशहूर कविता ‘भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ..’ का वीडियो जारी किया है जिसे अभिनेता मनोज वाजपेयी ने अपने खास अंदाज़ में पढ़ा है। राही मासूम रज़ा के बारे में तो कम ही छापा गया है, लेकिन दैनिक जागरण ने मुंबई से जावेद अख्तर से बातचीत के आधार पर उन्हें याद किया है, उनके तमाम पहलुओं को समेटने की कोशिश की है। इनके लिंक हम यहां दे रहे हैं, साथ ही वो आलेख भी जिन्हें पढ़कर आप इन तीनों शख्सियतों को कुछ और ठीक से जान पाएंगे।

ये अमर उजाला डिजिटल का वो लिंक है जिसके जिस पर क्लिक करके आप मनोज वाजपेयी की आवाज़ में दुष्यंत कुमार की कविता ‘भूख है तो सब्र कर…’ सुन पाएंगे…

https://www.amarujala.com/kavya/irshaad/manoj-bajpayee-read-ghazal-of-dushyant-kumar

और इस लिंक पर जाकर आप द वायर के हिन्दी प्लेटफॉर्म पर हबीब तनवीर से जुड़ा वो आलेख पढ़ सकते हैं जिसका शीर्षक है — ‘जब बलराज साहनी ने हबीब तनवीर को तमाचा मारा था…’

http://thewirehindi.com/46060/remembering-renowned-playwright-habib-tanvir/

इसी तरह आप डॉ राही मासूम रज़ा के बारे में एक अच्छा लेख पढ़ सकते हैं इस लिंक पर क्लिक करके

https://www.jagran.com/entertainment/bollywood-rahi-masoom-raza-remembered-for-mahabharat-serial-special-story-on-his-birth-anniversary-18377522.html

 

 

Posted Date:

September 1, 2018

11:40 pm
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